युवा भारत का भविष्य: क्या हम अपनी बढ़ती उम्र की आबादी के 'टाइम बम' के लिए तैयार हैं?

हम सबने सुना है कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। हमारी "युवा आबादी" या **"डेमोग्राफिक डिविडेंड"** हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह वह इंजन है जो भारत की अर्थव्यवस्था को दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ा रहा है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि सिक्के का दूसरा पहलू क्या है? आज जो युवा हमारी ताकत हैं, वे 25-30 साल बाद बूढ़े होंगे। आज की युवा आबादी का उभार कल की बुजुर्ग आबादी का एक विशाल पहाड़ बन जाएगा। यह एक टिक-टिक करता टाइम बम है जिसके बारे में कोई बात नहीं कर रहा। क्या हम इस आने वाले सामाजिक और आर्थिक तूफान के लिए तैयार हैं? आइए, युवा भारत के इस अनदेखे भविष्य का एक गहरा विश्लेषण करते हैं। डेमोग्राफिक डिविडेंड से "एजिंग संकट" तक का सफर डेमोग्राफिक डिविडेंड का मतलब है जब किसी देश की कार्यशील आबादी (15-64 वर्ष) उसकी आश्रित आबादी (बच्चे और बूढ़े) से ज़्यादा हो। भारत अभी इसी सुनहरे दौर में है। लेकिन यह दौर हमेशा नहीं रहेगा। अनुमान है कि 2050 तक भारत में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या 34 करोड़ से ज़्यादा हो जाएगी - जो अमेरिका की कुल आबादी से...